मंगलवार 30 दिसंबर 2025 - 19:14
ईरान और पाकिस्तान के दरमियान अमली सहयोग वक़्त की अहम ज़रूरत हैं।अल्लामा शब्बीर हसन मीसमी

हौज़ा / अल्लामा डॉ. शब्बीर हसन मीसमी ने थाईलैंड के शहर बैंकॉक में मुनाक़िद आलमी बैनुल-मज़ाहिब कॉन्फ़्रेंस में शिरकत की और ख़िताब करते हुए कहां,ईरान और पाकिस्तान के दरमियान अमली सहयोग वक़्त की अहम ज़रूरत हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , अल ज़हेरा (स.ल.) एकेडमी पाकिस्तान के चेयरमैन और शिया उलेमा काउंसिल पाकिस्तान के सेक्रेटरी जनरल हुज्जतुल इस्लाम अल्लामा डॉ. शब्बीर हसन मीसमी ने अलमीरास होटल (बैंकॉक, थाईलैंड) में होने वाली आलमी बैनुल-मज़ाहिब कॉन्फ़्रेंस में ख़ुसूसी दावत पर शिरकत की। इस कॉन्फ़्रेंस का उनवान था:आलमी मुश्किलात के पस-मंजर में मज़हबी रहनुमाओं का किरदार और ज़िम्मेदारियाँ”।

रिपोर्ट के मुताबिक़, अल्लामा शब्बीर मीसमी ने इस मौक़े पर मुख़्तलिफ़ मज़ाहिब के उलमा और रहनुमाओं से मुलाक़ातें भी कीं।उन्होंने इस्लामिक कल्चर एंड रिलेशंस ऑर्गनाइज़ेशन के सदर डॉ. मुहम्मद मेंहदी ईमानपुर और थाईलैंड में इस्लामी जम्हूरिया-ए-ईरान के सफ़ीर जनाब नसीरुद्दीन हैदरी से अहम मुलाक़ात की।

मुलाक़ात के दौरान मुख़्तलिफ़ अहम उमूर पर तबादला-ए-ख़याल हुआ और सेंट्रल इस्लामिक काउंसिल ऑफ़ थाईलैंड और इस्लामी जम्हूरिया-ए-ईरान के किरदार को सराहा गया।

अल्लामा शब्बीर मीसमी ने बैनुल-मज़ाहिब और बैनुल-मसालिक हम-आहंगी की अहमियत पर ज़ोर देते हुए कहा कि पाकिस्तान और ईरान के दरमियान अमली और इदारा-जाती ताल्लुक़ात वक़्त की बहुत बड़ी ज़रूरत हैं, जिससे दोनों मुल्कों की अवाम को बड़ा फ़ायदा हो सकता है।

इस मौक़े पर उनके साथ अल-होदा इस्लामिक सेंटर के इमाम-ए-जमाअत और दूसरे रफ़ीक़ भी मौजूद थे।

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